Monika garg

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लेखनी कहानी -17-Oct-2022# धारावाहिक लेखन प्रतियोगिता # त्यौहार का साथ# गणेश चतुर्थी

गणेश चतुर्थी महाराष्ट्र का बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। यह हिन्दू धर्म का एक बहुत प्रिय पर्व है। ये उत्सव पूरे भारत में बेहद भक्ति भाव और खुशी से मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का त्योहार आने के कई दिन पहले से ही बाजारों में इसकी रौनक दिखने लगती है। यह पर्व हिन्दू धर्म का अत्यधिक मुख्य तथा बहुत प्रसिद्ध पर्व है। इसे हर साल अगस्त या सितंबर के महीने में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह भगवान गणेश के जन्म दिवस के रुप में मनाया जाता है जो माता पार्वती और भगवान शिव के पुत्र है। ये बुद्धि और समृद्धि के भगवान है इसलिये इन दोनों को पाने के लिये लोग इनकी पूजा करते है।



भारत में गणेश चतुर्थी बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार कार्यालय हो या स्कूल-कालेज हर जगह इसको मनाया जाता है। इस दिन सभी कार्यालयों और शिक्षा संस्थानों को बंद करके भगवान गणेशा की पूजा की जाती है। लोग इस पर्व का उत्साहपूर्वक इंतजार करते है। यह देश के विभिन्न राज्यों में मनाया जाता है हालाँकि महाराष्ट्र में यह खासतौर से मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है जिसे भक्तों द्वारा हर वर्ष बड़े ही तैयारी और उत्साह से मनाते है। हिन्दू मान्यता के अनुसार गणेश चतुर्थी हर साल भगवान गणेश के जन्मदिवस पर मनाया जाता है। गणेश उत्सव भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से भी बुलाया जाता है अर्थात भक्तों के सभी बाधाओं को मिटाने वाला तथा विघ्नहर्ता का अर्थ है राक्षसों के लिये मुश्किल पैदा करने वाला।



मूर्ति की स्थापना


गणेश चतुर्थी एक 11 दिनों का लंबा हिन्दू उत्सव है जो चतुर्थी के दिन घर या मंदिर में मूर्ति स्थापना से शुरु होता है तथा गणेश विसर्जन के साथ अनन्त चतुर्दशी पर खत्म होता है। भक्त भगवान गणेश से प्रार्थना करते है, खासतौर से मोदक चढ़ाते है, भक्ति गीत गाते है, मंत्रोंच्चारण करते है, आरती करने के साथ ही उनसे बुद्धि और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करते है। इसे समुदाय या मंदिर या पंडालों में लोगों के समूह द्वारा, परिवार या अकेले मनाया जाता 

गणेश चतुर्थी के दौरान सुबह और शाम गणेश जी की आरती की जाती है और लड्डू और मोदक का प्रसाद चढ़ाया जाता है। सबसे ज्यादा यह उत्सव महाराष्ट्र में मनाया जाता है और वहाँ की गणेश चतुर्थी देखने दूर-दूर से लोग आते हैं।


हमारे देश में  सारे त्योहार बहुत धूम-धाम से मनाये जाते है, जिसमें एक गणेश चतुर्थी भी है। गणेश चतुर्थी एक हिन्दू उत्सव है जो हर साल अगस्त और सितंबर के महीने में आता है। इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। तब से हिन्दू धर्म के लोग गणेश के जन्मदिन को हर साल गणेश चतुर्थी पर्व के रुप में मनाते है। भगवान गणेश सभी को प्रिय है खासतौर से बच्चों को। ये ज्ञान और संपत्ति के भगवान है और बच्चों में ये दोस्त गणेशा के नाम से प्रसिद्ध है। ये भगवान शिव और माता पार्वती के प्यारे पुत्र है।

भगवान गणेश और शिव की कहानी

एक बार भगवान गणेश का सर भगवान शिव के द्वारा काट दिया गया था लेकिन फिर एक हाथी का सर उनके धड़ से जोड़ दिया गया। इस तरह इन्होंने अपना जीवन दुबारा पाया और जिसे गणेश चतुर्थी के उत्सव के रुप में मनाया जाता है।

भगवान गणेश और चन्द्रमा की कहानी

शुक्ल पक्ष चतुर्थी में भाद्रपद के हिन्दी महीने में इस उत्सव को देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि, पहली बार चन्द्रमा के द्वारा गणेश का व्रत रखा गया था क्योंकि अपने दुर्व्यवहार के लिये गणेश द्वारा वो शापित थे। चंद्रमा को शाप मुक्त करने की खुशी उन्होंने यह पूजा की थी।

भारत में गणेश चतुर्थी बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार कार्यालय हो या स्कूल-कालेज हर जगह इसको मनाया जाता है। इस दिन सभी कार्यालयों और शिक्षा संस्थानों को बंद करके भगवान गणेशा की पूजा की जाती है। लोग इस पर्व का उत्साहपूर्वक इंतजार करते है। यह देश के विभिन्न राज्यों में मनाया जाता है हालाँकि महाराष्ट्र में यह खासतौर से मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है जिसे भक्तों द्वारा हर वर्ष बड़े ही तैयारी और उत्साह से मनाते है। हिन्दू मान्यता के अनुसार गणेश चतुर्थी हर साल भगवान गणेश के जन्मदिवस पर मनाया जाता है। गणेश उत्सव भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से भी बुलाया जाता है अर्थात भक्तों के सभी बाधाओं को मिटाने वाला तथा विघ्नहर्ता का अर्थ है राक्षसों के लिये मुश्किल पैदा करने वाला।

गणेश चतुर्थी एक 11 दिनों का लंबा हिन्दू उत्सव है जो चतुर्थी के दिन घर या मंदिर में मूर्ति स्थापना से शुरु होता है तथा गणेश विसर्जन के साथ अनन्त चतुर्दशी पर खत्म होता है। भक्त भगवान गणेश से प्रार्थना करते है, खासतौर से मोदक चढ़ाते है, भक्ति गीत गाते है, मंत्रोंच्चारण करते है, आरती करने के साथ ही उनसे बुद्धि और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करते है। इसे समुदाय या मंदिर या पंडालों में लोगों के समूह द्वारा, परिवार या अकेले मनाया जाता है।


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3 Comments

Pratikhya Priyadarshini

22-Nov-2022 12:28 AM

बहुत सुन्दर रचना लिखीं है मैम आप 👌🌺🌸

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Alka jain

17-Nov-2022 05:07 PM

Nice 👍🏼

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Gunjan Kamal

17-Nov-2022 04:10 PM

शानदार

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